Heart problems :मोटापा: अधिक मात्रा में वजन बढ़ जाने से दिल पर ज़ोर पड़ता है। नशा: धूम्रपान और मादक द्रव्यों का सेवन करने वालों को दिल के दौरे का खतरा होता है। मानसिक तनाव: शिफ्ट कार्यरत लोग जो भी तनावपूर्ण कार्य करते हैं, या जो अपने व्यक्तिगत जीवन में लम्बे समय तक तनाव से गुज़रते है वे दिल के दौरे के जोखिम का सामना कर सकते हैं।
Cancer:अचानक वजन बढ़ना यानी पीसीओएस, कैंसर का खतरा आजकल लड़कियों में छोटी उम्र से पीसीओएस यानी पोलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम की समस्या मिल रही है। पहले यह बीमारी केवल 30 के ऊपर की महिलाओं में ही होती थी। मोटापे की शिकार 80 प्रतिशत से अधिक महिलाओं को पोलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम यानी पीसीओएस अथवा पीसीओडी होने का खतरा है।
Type 2 diabetes:टाइप-2 डायबिटीज में मरीज के शरीर में ब्लड शुगर का लेवल इस कदर बढ़ जाता है कि इसे नियंत्रित करना मुश्किल होता है। इसका असर बहुत खतरनाक होता है और ये शरीर के कई अंग को नुकसान पहुंचाता है। खासकर दिल पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ता है। इसके अलावा डायबिटीज में शरीर में इंसुलिन बनना कम हो जाता है।
Joint pain:जब आप गठिया रोगी होने के साथ अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त होते हैं, तो यह आपके पूरे शरीर और जोड़ों में सूजन का कारण बनता है. लेकिन अगर आप अपने वजन को घटाते हैं, तो इससे आपकी सूजन का स्तर भी कम होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि वसा एक सक्रिय टिश्यू है और प्रो-इंफ्लेमेटरी रसायनों को स्रावित करता है
Colon cancer: कोलोन या कोलोरेक्टल कैंसर को बड़ी आंत का कैंसर भी कहते हैं। ये कैंसर बड़ी आंत (कोलोन) या रैक्टम (गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल का अंतिम भाग) में होता है। दुनियाभर में कैंसर की तेजी से फैल रही यह तीसरी किस्म है। इस कैंसर की शिकायत होने पर पेट से जुड़ी प्रॉब्लम्स जैसे इरीटेबल बाउल सिंड्रोम, बवासीर या कब्ज की प्रॉब्लम होती है।
High blood pressure:वजन घटाने और ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने के लिए जरूर फॉलो करें Dash Diet. डैश डाइट में सोडियम यानी नमक और जंक फूड्स से परहेज करना पड़ता है। इस डाइट में साबुत अनाज फल सब्जियां नट्स डेयरी प्रोडक्ट्स मछली बीन्स आदि चीजों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। साथ ही डैश डाइट में सोडियम यानी नमक और जंक फूड्स से परहेज करना पड़ता है।
Thyroid:थायराइड महिलाओं में बढ़ते मोटापे का सबसे बड़ा कारण है। बदलते लाइफस्टाइल और खानपान की गड़बड़ी से पनपने वाली इस बीमारी से देश में पुरुषों से ज्यादा महिलाएं पीड़ित है। थायराइड ग्रंथि मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करती है, इसलिए जब यह ग्रंथि सही तरीके से काम नहीं करती है, तो वजन बढ़ने लगता है।
PCOd:ऐसी ही स्थिति होती है महिलाओं की पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) के दौरान। दरअसल यह समस्या हार्मोनल इम्बैलेंस की है। इस समस्या के चलते महिलाओं का वजन बहुत असाधारण तरीके से बढ़ने लगता है। PCOS के दौरान अगर कोई महिला वजन कम करने का प्रयास करती भी है, तो उनकी मेहनत के मुकाबले उन्हे परिणाम आधे
ही मिलते हैं।
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